मणिपुर में हिंसा के कारण
मणिपुर राज्य भारत देश के पूर्वेत्तरी भाग
में स्थित है। 3 मई 2023 से मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हुआ जिसे रोकने वाला कोई
नही था अर्थात यू कह लीजिए कि मणिपुर सरकार भी आँखे मूँदे रही और मणिपुर जलता रहा । मणिपुर समाज
में तीन जातियाँ मैतई, कूकी, और नागा है। आरक्षण को लेकर मैतई और कूकी लोग के बीच संघर्ष हुआ जिसमें की
सरकार ने मैतई समुदाय के लोगों को आरक्षण देने की बात की और जिसमें लिखा गया कि
मैतई समुदाय के लोग भी अब पहाड़ी क्षेत्रों में जमीन लेकर रह सकते है जमीन खरीद
सकते है।
कूकी समुदया के यह बात नगवारा हुई क्योंकि
कूकी समाज के लोग पहाड़ो में अपनी संस्कृति को संजोये हुये है।और वह नही चाहते कि
मैतई समुदाय के लोग भी यहाँ पर निवास करे और कूकी समाज के लोगो का कहना है कि मैतई
समाज के लोग तो पहले से ही सम्पन्न है तो इन्हें आरक्षण की जरूरत क्या है।इस बात
को लेकर कूकी और मैतई समुदाय में लड़ाई -झगड़े होने लगे और इसकी आग में मणिपुर
जलने लगा। 4 मई 2023 को मैतई समाज के लोगो ने कूकी समाज की तीन महिलाओ को
निर्वस्त्र करके उनकी नग्न परेड करायी जो बहुत अधिक निन्दनीय है। इस घटना को पूरे
भारत देश को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर शर्मसार किया है।
मणिपुर के मुख्य मन्त्री वीरेन सिंह मैतई
समाज से है। और उन्होने कहा कि मणिपुर में
हिंसा के कई केस दर्ज है । यदि केस दर्ज हुए तो कार्यवाही क्यों नही है। 3 मई 2023 से
मणिपुर क्यों जल रहा है और 4 मई 2023 को तीन औरतो को नग्न घुमाया गया जिसमे से एक 21 वर्षोय लड़की थी और बाकी की दो महिलायें 45-50 की उम्र की थी । यह तीनों युवतीयों अपनी जान बचाकर पुलिस
थाने की ओर भागी और रास्ते में इन्हें एक पुलिस की जीप भी मिली जिसने इन्हें अपनी
पुलिस की गाड़ी में बैठाया और फिर इन तीन युवतीयों को दरिन्दों की भीड़ के हवाले
कर दिया । मैतई समाज की इस भीड़ ने तीनों स्त्रीयों को अपने कपड़े उतारने को कहा ।
बन्दूक की नोक पर तीनों महिलाओं को नग्न किया गया। और फिर पूर्ण निर्वस्त्र करके
करीब 1 किलोमीटर तक इनकी नग्न परेड करायी गयी। परेड के दौरान भीड़
में से दरिन्दे इनके स्तनों को छूना योनि के साथ खिलवाड़ करना जैसी दरिन्दगी की।
जब 21 वर्षोय युवती के पिता और भाई ने विरोध किया जो इन्हे मौत
के घाट उतार दिया।और फिर 21 वर्षोय लड़की के
साथ पूरी भीड़ ने बलत्कार किया। पुलिस तमाशाबीन बनी रही । तीन युवतीयों की इज्जत
भरे बाजार लुटती रही । कौन है इस शर्मसार घटना को अंजाम देने वाले।यह एक सोची समझी
साजिश है इस हिंसा भरे वातावरण से प्रशासन और नेतागण चुप्पी साधे क्यो
रहे जबकि यह विडियों 19 जुलाई 2023 को
सोशल मीडिया में वायरल हुआ और धटना 4 मई को हुई ।यानि कि 83 दिनों तक मणिपुर जलता रहा है बहन बेटीयों की अस्मत लूटती
रही प्रशासन और पुलिस तमाशाबीन बने रहे।
भारत देश में साम्प्रदायिक दंगो का कारण है
मनुवाद । जाति के आधार पर जनता को लड़ाकर अपने वोट बैक को बढ़ाने की राजनीति है जो
एक बहुत ही गन्दी राजनीति है। भारत देश में सभी जातियों के लोगो को इस गन्दी
राजनीति के कूचक्र में नही फँसना चाहिए और पूरे देश में इन्सानियत और भाईचारे का
माहौल बनाना चाहिए।
मणिपुर में भाषा और संस्कृति के भेदभाव के
कारण भी आपसी विवाद का मुद्दे के कारण भी हिंसाए होती है।
राजनीतिक विवादः- राजनीतिक मुद्दे भी
मणिपुर के राजनीतिक वातावरण में हिंसा के कारण बनते हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों और
समुदायों के बीच विवाद से राज्य में हिंसा की घटनाएं होती हैं।
मणिपुर भ्रष्ट राजनीति का शिकार हुआ है
जिसमें जाति के आधार पर फूट डालो ओर शासन करों की नीति को नेतागणों ने इस्तेमाल
किया है। जाति के आधार पर दंगे कराने वाली राजनैतिक पार्टोयो को पूर्ण रूप से
बर्खास्त कर देना चाहिए। तभी देश में जाति के आधार पर हिंसा को रोका जा सकता है।
भारत देश में बैठे कुछ सरकारी
कर्मचारी सौ-सौ रूपये रिश्वत के लिये जनता
का शोषण करते है इस देश का अब क्या होगा।अधर्म और अन्याय की राजनीति ने देश की
जड़ो को खोखला कर दिया है अब यह देश कब तक खड़ा रह पायेगा यह प्रश्न विचारणनीय है।
जातिवाद भगाओं देश बचाओं का नारा पूरी
दुनिया में गूँज रहा है।
अब एक ऐसा कानून बनना चाहिए जिसमे कि जो
पार्टो सत्ता में बैठे अपने फायदे के लिए जातीय दंगे करवाती है तो ऐसी पार्टो को
बर्खास्त कर देना चाहिए ताकि दोबारा ऐसी पार्टो धर्म जाति के आधार पर दंगे न करा
सके।
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